सांवरिया सेठ के भव्य मंदिर का इतिहास, भगवान श्री सांवरिया सेठ के दर्शन का समय, भगवान श्री कृष्ण का श्री सांवरिया सेठ मंदिर-चित्तौडग़ढ़ करीब 450 साल पुराना माना जाता है।
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले से 41 किमी दूर मंडफिया में स्थित श्री सांवरिया सेठ का मंदिर करीब 450 साल पुराना है। माना जाता है कि सांवरिया जी का यह मंदिर मीराबाई के भगवान श्री कृष्ण गिरधर गोपाल ही है। इसलिए सांवरिया जी का संबंध मीरा बाई से बताया जाता है।
श्री सांवरिया सेठ जी |
मेवाड़ राज परिवार द्वारा 450 साल पहले इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था। यह मंदिर उदयपुर के डबोक एयरपोर्ट से 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर में लोग खेती से लेकर व्यापार तक तथा तनख्वाह में भी सांवरिया सेठ का अलग हिस्सा रखते हैं। कहा जाता है कि इस अद्भुत सांवरिया सेठ के मंदिर में लोग जितना चढ़ाते हैं उससे कई गुना ज्यादा पाते हैं।
श्रद्धालुओं की संख्या करोड़ों में-
सांवरिया सेठ के इस भव्य अलौकिक स्वरूप के दर्शन कौन नहीं करना चाहता इसी कारण देश के कोने कोने से तथा विदेशों से भी हर साल करीब एक करोड़ से भी ज्यादा लोग दर्शन के लिए आते हैं। पुजारियों के अनुसार मंदिर में प्रतिमाह करीब 10 लाख श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं।
प्रतिमाह एक बार मंदिर का भंडार खुलता है -
श्री सांवरिया सेठ के इस भव्य मंदिर का भंडारा हर महीने अमावस्या के एक दिन पहले चतुर्दशी को खोला जाता है तथा इसके बाद अमावस्या का मेला शुरू हो जाता है। कुछ खास दिनों जैसे होली के समय यह डेढ़ माह में खोला जाता है वही दीपावली के समय में भंडारा 2 महीने में खुलता है।
सांवरिया सेठ का मंदिर |
विदेशी श्रद्धालु-
श्री सांवरिया सेठ मंदिर में आने वाले कई भक्त विदेशों से भी है इसी कारण इस मंदिर की लोकप्रियता विदेशों में भी है। इस मंदिर में कोई व्यक्ति विदेशों से अर्जित अपनी आय का हिस्सा इस मंदिर में चढ़ाते हैं। इस मंदिर में भारतीय रुपयों के साथ-साथ अमेरिकी डॉलर, पाउंड, दिनार के साथ- साथ कई देशों की मुद्रा मंदिर के भंडारे में आती है।
मंदिर का विकास और आय-
सांवरिया सेठ के मंदिर में भक्तों द्वारा प्रतिमाह 4 से 5 करोड़ रूपया दान किया जाता है। 22 मार्च से यह मंदिर लॉकडाउन की वजह से बंद है। इसके बावजूद भी एक भक्त ने अपनी आस्था दिखाते हुए सांवरिया सेठ के दरबार में 1 करोड़ 38 लाख रुपए का ड्राफ्ट भेट किया। इस मंदिर में श्रद्धालु ऑनलाइन सिस्टम से भी दान कर रहे हैं। अधिकांश राशि मंदिर के विकास कार्य में, सेवा कार्य में और मंदिर ट्रस्ट को अर्जित होने वाली आय सेवा में उपयोग की जाती है। इसी ट्रस्ट से मंडफिया शहर के आसपास के करीब 16 गावो का विकास भी हुआ है।
सांवरिया सेठ का चढ़ावा-
इस अद्भुत सांवरिया सेठ के मंदिर में लोग जितना चढ़ाते हैं उससे कई गुना ज्यादा पाते हैं। सांवरिया सेठ के मंदिर को लेकर लोगों की ऐसी मान्यता है कि वे यहां जितना चढ़ाएंगे सांवरिया सेठ उनके खजाने को उतना ज्यादा भरेंगे। इसी कारण लोग अपने व्यापार तथा तनख्वाह का हिस्सा प्रतिमाह सांवरिया सेठ के मंदिर में चढ़ाने आते हैं। सांवरिया सेठ के पुराने मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा दानपात्र में 6 करोड़ 37 लाख रुपए भेट किए गए। अमावस्या के समय नवम्बर के अंतिम सप्ताह में मंदिर का दानपात्र खोला गया मंदिर के लगभग 400 स्टाफ ने मिलकर इस राशि को 6 दिन में गिना। नवंबर अंत से 2 दिसंबर तक रखी की गिनती पूरी हुई।
जिसमें अब तक की रिकॉर्ड धनराशि प्राप्त की गई।
संजय दत्त श्री सांवरिया सेठ के दरबार में -
Sanjay Dutt in sanwariya Seth temple |
संजय दत्त भगवान श्री सांवरिया सेठ जी के मंदिर में 24 जनवरी को अचानक पहुंचे और भगवान के दर्शन किए। इसकी जानकारी मीडिया में किसी को नहीं थी। संजू बाबा को इस भव्य मंदिर में देख श्रद्धालुओं के चहरे पर अलग ही खुशी देखने को मिली। संजय दत्त अपनी बहन के साथ और भाई के साथ यह दर्शन करने पहुंचे तथा पुजारियों से आशीर्वाद लेकर डबोक हवाई अड्डे से प्रस्थान किया।
यह पर लोग संजय दत्त को उनकी फिल्मी नामो से पुकारने लगे जैसे-संजय दत्त भगवान श्री सांवरिया सेठ जी के मंदिर में 24 जनवरी को अचानक पहुंचे और भगवान के दर्शन किए। इसकी जानकारी मीडिया में किसी को नहीं थी। संजू बाबा को इस भव्य मंदिर में देख श्रद्धालुओं के चहरे पर अलग ही खुशी देखने को मिली। संजय दत्त अपनी बहन के साथ और भाई के साथ यह दर्शन करने पहुंचे तथा पुजारियों से आशीर्वाद लेकर डबोक हवाई अड्डे से प्रस्थान किया।
यहां पर लोग संजय दत्त को उनकी फिल्मी नामो से पुकारने लगे जैसे- संजू, खलनायक।
श्री सांवरिया सेठ मंदिर से 45 किमी की दूरी पर चित्तौड़गढ़ का किला स्थित है। चित्तौड़गढ़ दुर्ग मेवाड़ का सिरमौर है।
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