Pakistan New Map 2020 | पाकिस्तान का नक्शा विवाद | 1972 शिमला समझौता | 1999 लाहौर घोषणा | जम्मू कश्मीर का भारत में विलय

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PAKISTAN MAP CONTROVERSY / पाकिस्तान का नक्शा विवाद   

HELLO FRIENDS, 
                                                   आज हम पाकिस्तान के नए नक़्शे तथा उस पर चल रहे विवाद के बारे में जानेंगे पाकिस्तान द्वारा एक नया नक्शा जारी किया गया हे जिसमे पाकिस्तान ने भारत का ताज कहे जाने वाले जम्मू कश्मीर के क्षेत्र POK[(पाक अधिकृत कश्मीर )जिस पर अभी पाकिस्तान का कब्ज़ा हे] क्षेत्र और जूनागढ़ को अपने हिस्से में दर्शाया हे।

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दोस्तों में आपको पाकिस्तान के बारे में एक बात बता दू की जब पिछले साल  5 अगस्त को भारत ने Article 370 and 35A(अ ) को निरस्त ( हटाया ) किया था तो पाकिस्तान पूरा बोखला गया था  और उसे समाज नहीं आया की आखिर वो करे तो करे क्या, हम जानते है की पाकिस्तान तो सन्न 1947 से ही कश्मीर को हथियाना चाहता था। 
अब कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश बन चूका है और अब इस बात को 1 साल पुरा हो गया है।  पकिस्तान कुछ कर नहीं सकता इसलिए पाकिस्तान ने अपना एक पुराना मुद्दा वापस उठाया है जम्मू कश्मीर तो इस विवाद में पहले से था ही अब जूनागढ़ को भी इसमें शामिल कर दिया है।  
1947 में एक मुहीम चली थी जिसमे पाकिस्तान ने जम्मू & कश्मीर , जूनागढ़ और हैदराबाद को पाकिस्तान में मिलाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था लेकिन ये आज भी भारत के अभिन्न अंग है। 
पाकिस्तान को नहीं पता कि वह गड़े मुद्दे उखाड़कर खुद के पैर पर ही कुल्हाड़ी मार रहा है क्योकी ये सब करके वो 1972 के शिमला समझोते और 1999 के लाहौर घोषणा पत्र का उलंगन कर रहा है। 
चलिए आपको 1972  शिमला समझौता और 1999 लाहौर घोषणा के बारे में बताते  है   

1972  शिमला समझौता / Shimla Agreement:-


 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में पाक को भारत के सामने लेफ्टिनेंट जनरल निजायी के नेतृत्व में 80,000 सेनिको के साथ घुटने टेकने पड़े थे और आत्मसमर्पण किया था तथा पूर्वी पाकिस्तान आजाद हुआ और बांग्लादेश के रूप में एक नया देश बना। 
इस युद्ध के बाद भारत के शिमला में एक संधि समझोते पर हस्ताक्षर हुए इसमें भारत से इंदिरा गाँधी और पाकिस्तान से ज़ुल्फ़िकार अली भुट्टो शामिल थे। इस समझौते में तय किया गया की कश्मीर सहित जितने भी मुद्दे हे वहआपसी बातचीत द्वारा ही सुलझाये जायेंगे और उन्हें अंतर्राष्ट्रीय मंचो पर नहीं उठाया जायेगा  और यह भी तय किया गया की 17 दिसंबर 1971 अर्थात पाकिस्तानी सेना के आत्मसमर्पण के बाद देशो की सेनाएं जिस स्थिति में है उस रेखा को 'वास्तविक नियंत्रण रेखा' ( Line of Actual Control ) माना जायेगा और  कोई भी पक्ष इस रेखा को बदलने या उसका उल्लंगन करने की कोशिश नहीं करेगा 
लेकिन आपको पता तो होगा ही की किस तरह पाकिस्तान सेना 1999 में कारगिल में जान बुचकर  घुसपैठ की और इस कारण कारगिल युद्ध हुआ।

1999 लाहौर घोषणा / Lahor Declaration:-


फरवरी 1999 ,यह समझौता भारत के तत्कालिन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी तथा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मुहम्मद नवाज शरीफ के बीच हुआ। 
अपने देशो के बीच शांति स्थापन करने और लोगो की प्रगति और समृद्धि के साझा दृष्टिकोण को अपनाते हुए दोनों प्रधानमंत्रियों ने हस्ताक्षर किये तथा एक - दूसरे के आंतरिक मामलो में हस्तक्षेप नहीं करने की शपथ ली गई और परमाणु हथियारों के दुर्घटनावश उपयोग के  खतरे को काम करने के लिए ठोस कदम उठाने की बात कही गयी लेकिन तभी मई 1999 कारगिल युद्ध से दोनों देशो के बीच सम्बन्ध पूरी तरह बदल गए। 

आजादी के समय जम्मू& कश्मीर, जूनागढ़ तथा हैदराबाद तीनो पर राजा का शासन था एवं तब इनके पास तीन विकल्प थे। 
( 1 ) पाकिस्तान में विलय 
( 2 ) भारत में विलय 
( 3 ) स्वतंत्र 

अब हम जानते हे की जम्मू & कश्मीर और जूनागढ़ का विलय भारत में कैसे हुआ।  
अगर आप हैदराबाद के विलय के बारे में भी जनाना चाहते हे तो कमेंट में लिखिए इसका पूरा विवरण आपको अगली पोस्ट में शेयर किया जायगा।  

जम्मू - कश्मीर का भारत में विलय / Jammu - Kashmir Merged with India

15 अगस्त 1947 को कश्मीर आजाद मुल्क था कश्मीर के राजा हरी सिंह थे। वे यह चाहते थे  की जम्मू - कश्मीर एक स्वतंत्र राज्य रहे तब उनके पास तीन विकल्प थे  पाकिस्तान में विलय , भारत में विलय या स्वतंत्र लेकिन भारत यह चाहता था की इसका विलय भारत में हो तथा पाकिस्तान यह चाहता था की इसे पाकिस्तान में मिला दिया जाये तभी पाकिस्तान की तरफ से कबाइलियों ने कश्मीर की तरफ हमला बोल दिया और इधर रियासत के सेनिको में बगावत के कारण मुस्लिम सैनिकों ने हमलावरों  से हाथ मिला लिया। 
हजारो की संख्या में हमलावर थे लेकिन इन हजारो पर ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह का हौसला भारी पड़ा।

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श्रीनगर से हमलावर 164 किलोमीटर दूर थे उन्हें श्रीनगर पहुंचने के लिए उरी से पहले एक पुल पार करना था ब्रिगेडियर ने इस पुल को नष्ट करवा दिया। जिससे हमलावर 2 दिन तक यहां से आगे नहीं बढ़ पाए लेकिन इससे समस्या हल नहीं हुई।  
26 अक्टूबर 1947, कश्मीर को बचाना अब दिल्ली के हाथ में था लेकिन कश्मीर अभी भारत का हिस्सा नहीं था इसलिए माउंट बेन्टन का निर्णय था की जब तक महाराजा हरी सिंह भारत में मिलने के प्रस्ताव ( instrument of accession )  पर हस्ताक्षर नहीं कर देते तब तक सेना नहीं भेजी जायगी। 
महाराजा हरी सिंह ने  प्रस्ताव ( instrument of accession ) पर हस्ताक्षर किये और जम्मू & कश्मीर का विलय भारत में हो गया भारत द्वारा वायु सेना भेजी गई और कश्मीर को कबाइलियों से बचाया गया।  
लेकिन पाकिस्तान यह मानता हे की यह विलय धोखे से किया गया।  

जूनागढ़ का भारत में विलय / Junagarh Merged with India


15 अगस्त 1947 को जूनागढ़ आजाद रियासत थी। जूनागढ़ के नवाब का नाम नवाब मोहम्मद मोहब्बत खान थे उन्हें कुत्तो से बहुत महोब्बत थी इस बात का पता तब चलता है जब इन्होने 2 कुत्तो की शादी करवाई थी वो भी बहुत धूम - धाम से और जिस दिन कुत्तो की शादी करवाई गई उस दिन सरकारी छुट्टी भी रखी गई।

Gujarat-Junagarh-Map

जूनागढ़ के नवाब चाहते थे की वह पाकिस्तान में मिले इसके पीछे का कारण पाकिस्तान द्वारा की गई कुछ साज़िशे और नवाब को दिए गए 8 करोड़ रुपए थे। लेकिन इन सब से नवाब की जनता भी उनके खफा थी वो भी भारत में मिलना चाहती थी।
एक तरफ लोगो का विद्रोह और दूसरी तरफ भारतीय सेना द्वारा जूनागढ़ की घेराबंदी को देख नवाब ने जूनागढ़ से भाग जाने का फैसला किया। उन्होंने अपने बीवी बच्चे को छोड़कर एक कुत्ते के साथ नाव से पाकिस्तान भाग गए।
भारत ने जूनागढ़ के लोगो से उनका मत माँगा की वो किसमे मिलना चाहते है तो हिंदुस्तान के पक्ष में 1 लाख 19 हजार वोट आये और पाकिस्तान के पक्ष में सिर्फ 91 वोट आये।
और इस प्रकार जूनागढ़ 20 फरवरी 1948 को भारत में विलय हुआ। 

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